छत्तीसगढ़ में नक्सली ले रहे अंतिम सांस, ये 3 जिले हुए नक्सल मुक्त, इस रेंज में आते हैं तीनों जिले…..

 कबीरधाम। छत्तीसगढ़ के अंदर तीन जिले नक्सलमुक्त हो गए हैं। कबीरधाम, खैरागढ़ और राजनांदगांव जिलों को नक्सल मुक्त जिला घोषित किया गया है। इसके बाद अब केंद्रीय रिजर्व बल की पुलिस धीरे-धीरे जिले से मूव कर रही है। माना जा रहा है कि नक्सली मुक्त घोषित हुए तीनों जिलों अब विकास कार्यों में तेजी आएगी।

गौरतलब है साल 1992 में राजनांदगांव जिले में नक्सलवाद की शुरुआत हुई थी। यहां बकरकट्टा क्षेत्र में नक्सलियों ने नक्सली घटना को अंजाम दिया था, जिसके बाद नक्सली मूवमेंट का सिलसिला यहां लगातार जारी रहा, करीब 35 सालों में नक्सलियों ने यहां कई बड़ी घटनाओं को अंजाम दिया,जिसमें एक बड़ी घटना 12 जुलाई 2009 की मानी जाती है।

साल 2009 में राजनंदगांव में नक्सली हमले में जिले के तत्कालीन पुलिस अधीक्षक विनोद कुमार चौबे कुल 29 जवान शहीद हुए थे। बीते वर्षो में नक्सलियों ने कई ग्रामीणों की भी हत्या की और अलग-अलग घटनाओं में आगजनी सहित कई बड़े मामलों में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई थी।

माना जा रहा है कि राजनंदगांव पुलिस रेंज के तीन जिलों को नक्सली मुक्त किए जाने के बाद अब तीनों जिलों में विकास कार्य तेज होंगे। नक्सल जिला होने के कारण नक्सल विरोधी अभियान के लिए सालाना लगभग 30 करोड़ रुपए मिलने वाले तीनों जिलों क्रमशः कवर्धा, खैरागढ़ छुईखदान गंड़ई और राजनांदगांव को अब उक्त राशि नहीं मिलेगी।

राजनांदगांव रेंज आईजी दीपक कुमार झा ने कहा कि, हमारे रेंज की तीन जिले राजनांदगांव, खैरागढ़ और कबीरधाम, कवर्धा और बालाघाट के डिंडोरी के बॉर्डर जिले में नक्सलियों का एमएमसी जोन एक्टिव हुआ करता था, लेकिन अब इनकी संख्या में काफी कमी आई है। कई नक्सलियों ने सरेंडर किया हैं और कईयों की मौत हुई है।

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