नई दिल्ली। पहलगाम हमले के बाद भारत पाकिस्तान के खिलाफ एक्शन मोड में है। तीन सेना अलर्ट पर है। इसी बीच भारतीय नौसेना और डीआरडीओ (DRDO) ने स्वदेशी रूप से डिजाइन और विकसित मल्टी-इन्फ्लुएंस ग्राउंड माइन (एमआईजीएम) का सफलतापूर्वक परीक्षण किया। इस परीक्षण में कम विस्फोटक सामग्री का उपयोग किया गया, ताकि सुरक्षा मानकों का ध्यान रखा जा सके।
समुद्र के नीचे छिपे टारगेट को हिट करने में सक्षम
यह माइन समुद्र के नीचे दुश्मन के जहाजों को निशाना बनाने में सक्षम है। गौरतलब है कि एमआईजीएम को भारत में पहली बार पूरी तरह स्वदेशी तकनीक से बनाया गया है। इसके इस्तेमाल से नौसेना की ताकत बढ़ेगी और समुद्री सुरक्षा को मजबूत करने में किया जाएगा।
INS सूरत से मिसाइल की हुई सफल टेस्टिंग
इससे पहले भारतीय नौसेना ने अपने बनाए स्वदेशी युद्धपोत INS सूरत ने समुद्र में तेजी से उड़ाने वाले टारगेट पर सटीक हमला किया था। स्वदेशी निर्देशित मिसाइल Destroyer ने समुद्र में टारगेट को हिट किया। इस उपलब्धि से नौसेना और भी ज्यादा ताकतवर हो चुकी है। यह उपलब्धि रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर भारत के विजन को दिखाता है।
इसके बाद डीआरडीओ की प्रयोगशाला, रक्षा अनुसंधान एवं विकास प्रयोगशाला (डीआरडीएल) के हैदराबाद स्थित अत्याधुनिक स्क्रैमजेट परीक्षण केंद्र में एक्टिव कूल्ड स्क्रैमजेट सबस्केल काम्बस्टर का परीक्षण किया गया।