दिल्ली : दिल्ली के वसंतकुंज स्थित एक आध्यात्मिक संस्थान में छात्राओं से यौन शोषण के आरोपों में गिरफ्तार स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती को शुक्रवार को तिहाड़ जेल भेजा गया। पुलिस रिमांड खत्म होने के बाद उन्हें जेल नंबर 4 के मुलायजा वार्ड में रखा गया, जहां आमतौर पर पहली बार अपराध करने वाले आरोपियों को रखा जाता है।
सूत्रों के अनुसार, स्वामी चैतन्यानंद की जेल में पहली रात बेहद कठिन रही। ऐशो-आराम की जिंदगी जीने वाले बाबा को न तो जेल का खाना पसंद आया, न ही उन्हें रातभर नींद आई। वह बार-बार करवटें बदलते रहे और जेल प्रशासन से फल मांगते रहे। अधिकारियों के मुताबिक, उन्हें जेल मैन्युअल के नियमों का पालन करना होगा — चाहे खाना पसंद आए या नहीं।
17 छात्राओं ने स्वामी चैतन्यानंद पर यौन उत्पीड़न, ब्लैकमेलिंग और डराने-धमकाने के गंभीर आरोप लगाए हैं। जांच में खुलासा हुआ है कि बाबा छात्राओं को बेहतर ग्रेड और विदेश में नौकरी का झांसा देकर शोषण करता था। कई छात्राएं डर के कारण पढ़ाई छोड़ने को मजबूर हुईं।
पुलिस का कहना है कि गिरफ्तारी से पहले बाबा कई दिनों तक मथुरा, वृंदावन और आगरा के होटलों में छिपा रहा। उसके तीन करीबी सहयोगियों — श्वेता शर्मा (एसोसिएट डीन), भावना कपिल (एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर) और काजल (सीनियर फैकल्टी) — को भी गिरफ्तार किया गया है। इन पर छात्राओं पर दबाव बनाने और सबूत मिटाने के आरोप हैं।
सूत्रों के अनुसार, बाबा के दुबई से संबंध भी सामने आए हैं। आश्रम में आने वाली छात्राओं को विदेश में इंटर्नशिप और नौकरी का लालच दिया जाता था। पुलिस ने 50 से अधिक छात्राओं के फोन से आपत्तिजनक चैट और 16 साल पुराने शोषण के सबूत बरामद किए हैं।