नेपाल में हाल ही में फैले अशांति के हालात थमने के बाद भारत और नेपाल की राजधानी को जोड़ने वाली दिल्ली–काठमांडू बस सेवा दोबारा शुरू हो गई है। करीब तीन हफ्तों तक बंद रहने के बाद अब यात्रियों के लिए यह अंतरराष्ट्रीय बस कनेक्टिविटी बहाल हो गई है, जिससे यात्रियों को बड़ी राहत मिली है। दिल्ली परिवहन निगम (डीटीसी) ने बसों का संचालन सामान्य दिनों की तरह शुरू कर दिया है। अधिकारियों के अनुसार, बसें अपने पूर्व निर्धारित समय और मार्ग पर ही चलेंगी।
नेपाल में जैन-जी समूह के प्रदर्शन के कारण रुकी थी सेवा
पिछले महीने नेपाल में जैन-जी समूह के विरोध प्रदर्शनों के चलते स्थिति बिगड़ गई थी, जिसके कारण 10 सितंबर को दिल्ली–काठमांडू बस सेवा को अचानक रोकना पड़ा था। इस दौरान डीटीसी की एक बस नेपाल में फंस गई थी, जिससे यात्रियों को काफी परेशानी झेलनी पड़ी। अब शांति बहाल होने के बाद यह सेवा फिर से सुचारू रूप से शुरू कर दी गई है।
सुरक्षा के लिए तय किए गए स्टॉप से ही होगी यात्रा
डीटीसी अधिकारियों ने बताया कि यात्रियों की मांग पहले जैसी बनी हुई है और अब बसें केवल निर्धारित पड़ावों (स्टॉप्स) से ही यात्रियों को चढ़ने और उतरने की अनुमति देंगी। बीच रास्ते से यात्रा शुरू या समाप्त नहीं की जा सकेगी। इस नियम का उद्देश्य सुरक्षा और संचालन में सुगमता सुनिश्चित करना है।
डीटीसी की वेबसाइट के मुताबिक, दिल्ली–काठमांडू रूट पर प्रमुख स्टॉप में फिरोजाबाद, फैजाबाद, मुगलिंग और सोनौली (भारत-नेपाल सीमा) शामिल हैं। इन जगहों पर कस्टम और इमिग्रेशन की प्रक्रियाएं पूरी की जाती हैं। अधिकारियों ने यात्रियों से आवश्यक दस्तावेज और पासपोर्ट साथ रखने की अपील की है।
सप्ताह में छह दिन चलेंगी बसें, किराया ₹2800 तय
दिल्ली–काठमांडू बस सेवा करीब 1,167 किलोमीटर की दूरी तय करती है। इस अंतरराष्ट्रीय यात्रा का किराया ₹2,800 रखा गया है। यह सेवा सप्ताह में छह दिन उपलब्ध होगी —
सोमवार, बुधवार और शुक्रवार को डीटीसी की वोल्वो बसें चलेंगी।
मंगलवार, गुरुवार और शनिवार को नेपाल की मंजुश्री यातायात की बसें संचालित होंगी।
सभी बसें वातानुकूलित हैं ताकि यात्रियों को आरामदायक सफर मिल सके। विदेशी नागरिकों को यात्रा के दौरान वीज़ा और वैध पासपोर्ट दिखाना अनिवार्य है।
भविष्य में इलेक्ट्रिक बसों की संभावना
दिल्ली–काठमांडू बस सेवा को पहली बार 25 नवंबर 2014 को शुरू किया गया था, लेकिन कोविड-19 महामारी के दौरान 23 मार्च 2020 को बंद करना पड़ा। दिसंबर 2021 में इसे दोबारा शुरू किया गया था। वर्तमान में इस रूट पर डीजल बसें ही चल रही हैं, हालांकि अधिकारियों का कहना है कि भविष्य में इलेक्ट्रिक या सीएनजी बसों को शामिल करने की योजना पर भी विचार किया जा रहा है।