पश्चिम बंगाल में वक्फ (संशोधन) अधिनियम के खिलाफ चल रहे विरोध प्रदर्शनों के बीच मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को कहा कि हर जाति और धर्म को शांतिपूर्ण प्रदर्शन का अधिकार है, लेकिन किसी को भी कानून अपने हाथ में नहीं लेना चाहिए. उन्होंने लोगों से गुमराह करने वालों की बातों पर ध्यान न देने की अपील की.
ममता का शांति संदेश
ममता बनर्जी ने कहा, “हम एक बार जीते हैं और एक बार मरते हैं. फिर दंगा क्यों? हर जाति और धर्म को प्रदर्शन का अधिकार है, लेकिन कानून को अपने हाथ में न लें. कुछ लोग आपको गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं, उनकी बातों पर ध्यान न दें.” यह बयान उन्होंने कोलकाता में एक जनसभा के दौरान दिया.
दक्षिण 24 परगना में हिंसा
सोमवार को दक्षिण 24 परगना के भांगर क्षेत्र में इंडियन सेक्युलर फ्रंट (ISF) के समर्थकों और पुलिस के बीच वक्फ (संशोधन) अधिनियम के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान हिंसक झड़प हुई. स्थिति तब बिगड़ी जब पुलिस ने ISF समर्थकों को कोलकाता के रामलीला मैदान में पार्टी नेता और भांगर विधायक नौशाद सिद्दीकी के रैली में जाने से रोका. इस हिंसा में कई लोग घायल हुए और पुलिस वाहनों को आग के हवाले कर दिया गया.
सुप्रीम कोर्ट में याचिका
उसी दिन सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गई, जिसमें मुर्शिदाबाद जिले में वक्फ (संशोधन) अधिनियम, 2025 के खिलाफ प्रदर्शनों के दौरान भड़की हिंसा की कोर्ट-निगरानी वाली विशेष जांच टीम (SIT) से जांच की मांग की गई. अधिवक्ता शशांक शेखर झा द्वारा दायर याचिका में पश्चिम बंगाल सरकार और केंद्रीय गृह मंत्रालय से कानून-व्यवस्था की विफलता पर स्पष्टीकरण मांगने और पीड़ितों के लिए मुआवजे व पुनर्वास की व्यवस्था करने का आग्रह किया गया.
हिंसा का दायरा
याचिका में कहा गया कि वक्फ विधेयक पारित होने के बाद पश्चिम बंगाल में बड़े पैमाने पर हिंसा भड़की, जो खासकर हिंदू समुदाय को निशाना बनाते हुए हिंसक हो गई. यह जीवन और धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकार पर गंभीर सवाल उठाती है. मुर्शिदाबाद में इस हिंसा में कम से कम तीन लोगों की मौत हो चुकी है. कलकत्ता हाई कोर्ट के आदेश के बाद कई क्षेत्रों में केंद्रीय बल तैनात किए गए हैं.