रायपुर। छत्तीसगढ़ स्टेट फार्मेसी काउंसिल इन दिनों गंभीर आरोपों और विवादों से घिरी हुई है। केंद्रबिंदु बने हैं, काउंसिल के वर्तमान रजिस्ट्रार अश्वनी गुरुद्वेकर जिनकी नियुक्ति को लेकर न केवल पारदर्शिता पर सवाल उठ रहे हैं, बल्कि उनकी शैक्षणिक और प्रशासनिक योग्यता को लेकर भी गंभीर आपत्तियाँ सामने आई हैं। पूर्व गृह जेल एवं सहकारिता मंत्री ननकीराम कंवर ने छत्तीसगढ़ के सीएम विष्णुदेव साय को इस मामले में पत्र लिखा है।
दरअसल, करीब डेढ़ साल पहले अश्वनी गुर्देकर को फार्मेसी काउंसिल का रजिस्ट्रार बनाया गया था। जिसके बाद इंडियन फार्मासिस्ट एसोसिएशन ने भी उनकी नियुक्ति पर कड़ा एतराज जताया था। आईपीए ने उस वक्त कहा था कि गुर्देकर डॉ. अंबेडकर अस्पताल में कंपाउडर के तौर पर काम कर रहे थे। लिहाजा उनकी नियुक्ति इस पद पर नहीं की जा सकती। अब पूर्व मंत्री ननकीराम कंवर ने सीएम को लिखे पत्र में कहा है कि गुर्देकर ने फर्जी जाति के आधार पर नौकरी पाई है। कंवर ने कहा है कि RTI यानी सूचना के अधिकार के तहत मिली जानकारी में भी ये जाहिर हो रहा है कि, गुर्देकर की शैक्षणिक योग्यता केवल डी फार्मा है। ऐसे में भी उनकी नियुक्ति काउंसिल रजिस्ट्रार के पद पर हो ही नहीं सकती है।
कंवर ने कहा है कि, गुर्देकर ने शासन को गलत जानकारी देकर रजिस्ट्रार की नियुक्ति हासिल की है। ऐसे में उन पर कड़ी कानूनी कार्रवाई भी होनी चाहिए। चूंकि शासकीय नियमों के तहत रजिस्ट्रार का पद केवल ऐसे कर्मचारी को दिया जा सकता है जिसके पास फार्मेसी की बैचलर डिग्री हो तथा वो द्वितीय श्रेणी कर्मचारी हो। एजुकेशन रेग्युलेशन एक्ट 1991 के अनुसार, फार्मेसी काउंसिल में संबंधित व्यक्ति का रजिस्ट्रेशन भी होना चाहिए। इसकी गैरमौजूदगी में स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत सीनियर डॉक्टर या अधिकारी भी रजिस्ट्रार हो सकता है। कंवर ने कहा कि चूंकि शासकीय नियमों की अनदेखी हुई है। इसलिए गुर्देकर को तत्काल हटाया जाना चाहिए।
देखें पत्र :-