दहशत में पाकिस्तान: 2022 से खाली पड़े NSA के पद पर आनन-फानन में की नियुक्ति, ISI चीफ असीम मलिक को सौंपी कमान

इंटरनेशनल न्यूज़। पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल मोहम्मद असीम मलिक को पाकिस्तान का नया राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) नियुक्त किया गया है। मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया कि मलिक को अतिरिक्त प्रभार के तौर पर एनएसए का पद दिया गया है। उनकी नियुक्ति के बारे में एक औपचारिक अधिसूचना भी जारी की गई है। उन्हें सितंबर 2024 में आईएसआई का प्रमुख नियुक्त किया गया था। नियुक्ति भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव और आंतरिक-बाहरी सुरक्षा चुनौतियों के बीच की गई है।

पाकिस्तानी सेना में आईएसआई प्रमुख का पद सबसे अहम माना जाता है। ऐसे में उस पर बैठे शख्स को ही एनएसए की जिम्मेदारी सौंपना पाकिस्तान की बौखलाहट दिखाता है। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद से ही पाकिस्तान छटपटा रहा है। उसे डर है कि भारत आतंकियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेगा। आतंकवाद का पनाहगार होने के नाते भारत का कहर उस पर ही बरसेगा। उसके कई मंत्री ऐसे बयान भी दे चुके हैं कि भारत उस पर कभी भी हमला कर सकता है।

2022 से यह पद खाली था पद
पहलगाम हमले के बाद बढ़ते तनाव के बीच पाकिस्तान ने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) नियुक्त किया है। 2022 से यह पद खाली था। तब मुईद यूसुफ ने पद से इस्तीफा दे दिया था। मलिक की नियुक्ति 29 अप्रैल को की गई है, लेकिन मीडिया में इसकी जानकारी बुधवार देर रात आई। इससे एक दिन पहले ही यानी 30 अप्रैल को भारत सरकार ने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार बोर्ड का पुनर्गठन किया। खुफिया एजेंसी रॉ के पूर्व प्रमुख आलोक जोशी को इसका अध्यक्ष बनाया।

लेफ्टिनेंट जनरल मोहम्मद असीम मलिक को जानिए
लेफ्टिनेंट जनरल मलिक बलूचिस्तान में इन्फेंट्री डिवीजन और वजीरिस्तान में इन्फेंट्री ब्रिगेड की कमान संभाल चुके हैं। उन्हें अपने पाठ्यक्रम में स्वोर्ड ऑफ ऑनर से भी नवाजा जा चुका है। वे राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय (एनडीयू) में मुख्य प्रशिक्षक के साथ-साथ कमांड एंड स्टाफ कॉलेज क्वेटा में प्रशिक्षक के रूप में भी काम कर चुके हैं। वह फोर्ट लीवेनवर्थ और रॉयल कॉलेज ऑफ डिफेंस स्टडीज से स्नातक हैं। वर्षों से सेना में विभिन्न नेतृत्वकारी भूमिकाएं निभा चुके हैं।

अमेरिका से गिड़गिड़ाया पाकिस्तान
इस बीच पाकिस्तान ने अमेरिका से मदद की गुहार लगाई है। प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने अमेरिका से गिड़गिड़ाते हुए कहा है कि वह भारत पर दबाव बनाए। उसे पहलगाम हमले की जांच के लिए मनाए। अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो से शरीफ ने यह भी कहा कि भारत के आक्रामक रुख से हालात बद से बदतर हो सकते हैं।

‘आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में अमेरिका भारत के साथ’
अमेरिकी विदेश मंत्री रुबियो ने बुधवार रात शहबाज शरीफ और भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर से फोन पर बात की थी। उन्होंने पहलगाम आतंकी हमले की निंदा की, जिसमें 26 निर्दोष लोग मारे गए थे। अमेरिका ने दोहराया कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में वह भारत के साथ है।

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