नई दिल्ली। भारत के इतिहास में सबसे गहरे सैन्य प्रहारों में से एक के बाद, ‘ऑपरेशन सिंदूर’ ने पाकिस्तान की सरजमीं पर आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक संदेश दे दिया है। इस सटीक और संयमित ऑपरेशन के बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भारतीय सेना, वायुसेना और नौसेना के प्रमुखों से तत्काल बातचीत की है। सूत्रों के मुताबिक, तीनों सेनाओं के प्रमुखों ने ऑपरेशन की सफलता, स्थिति की निगरानी और आगे की रणनीति पर रक्षा मंत्री को जानकारी दी। रक्षा मंत्रालय ने पुष्टि की है कि आज सुबह 10 बजे ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को लेकर एक महत्वपूर्ण प्रेस ब्रीफिंग आयोजित की जाएगी, जिसमें इस सैन्य कार्रवाई से जुड़ी विस्तृत जानकारी साझा की जाएगी।
1971 के बाद सबसे गहरी सैन्य कार्रवाई
सूत्रों के अनुसार, भारतीय सशस्त्र बलों ने पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoJK) में नौ आतंकी ठिकानों को सटीक हमलों में तबाह किया है। इसमें बहावलपुर, मुरीदके और सियालकोट जैसे शहरों में मौजूद आतंकी ठिकाने शामिल हैं। ये हमला 1971 के युद्ध के बाद पाकिस्तान की अविवादित सीमा में सबसे गहरा सैन्य प्रहार माना जा रहा है।
हमला नहीं, सर्जिकल संदेश
रक्षा मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि इस अभियान का उद्देश्य किसी भी तरह से युद्ध को उकसाना नहीं था, बल्कि यह एक “संयमित, केंद्रित और गैर-उत्तेजक” कार्रवाई थी। खास बात यह रही कि किसी भी पाकिस्तानी सैन्य प्रतिष्ठान को निशाना नहीं बनाया गया। सभी लक्ष्य विशेष रूप से उन आतंकवादी ढांचों को चुना गया, जहां से भारत पर हमलों की साजिशें रची जाती थीं।
पीएम मोदी ने ली हर पल की जानकारी
सूत्रों ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूरे अभियान की रातभर निगरानी की और पल-पल की जानकारी ली। यह ऑपरेशन तीनों सेनाओं—थलसेना, वायुसेना और नौसेना—की एक संयुक्त कार्रवाई थी, जिसमें विशेष प्रिसीजन म्यूनिशन का इस्तेमाल किया गया।
क्यों किया गया ये हमला?
22 अप्रैल को पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले में 25 भारतीय और एक नेपाली नागरिक की मौत हो गई थी। इसी के जवाब में भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को अंजाम दिया। इस ऑपरेशन के तहत भारत ने उन आतंकवादी संगठनों—जैसे जैश-ए-मोहम्मद (JeM) और लश्कर-ए-तैयबा (LeT)—के शीर्ष नेतृत्व को निशाना बनाया जो भारत में हमलों की साजिशें रच रहे थे।